Batua

जेब छोटी थी,  बटुआ बड़ा। बड़ा भाई रखता था तोह मेरी भी इच्छा होती थी। एक दिन मैं अपने दादा जी के पास गया।  बोला कि मेरे बटुए मैं पैसे नहीं हैं, भाई के तोह पास बहुत सारे हैं। उन्होंने हंस के 10 का नोट दे दिया। मैंने वोह 10 का नोट, संभाल के पर्स की सबसे अन्दर वालीContinue reading “Batua”

Zubaan badi honi chahiye, lambi nahi

सिटी बसों में दफ्तर जाने से काफी कुछ सीखने को मिलता है । आगे पीछे, आमने सामने, भांति भांति के लोगो से पाला पड़ता है । बैंक में आपके कितना भी बैलेंस हो, दफ्तर में आपका कोई भी औदा हो । जब सीट नहीं होती, तोह आपको खड़े रहना पड़ता है । भले ही नयी वाली ‘दम मारो दम’Continue reading “Zubaan badi honi chahiye, lambi nahi”

I'm not a movie buff

Yes, I am not a movie buff. I don’t watch movies much nor do I remember them for long. I think I stopped taking movies seriously after 1994. I last danced (without being pulled over in a baraat or DJ in college) on Pak-Chik-Pak-Raja-Babu (The song lifted from Chikku-Bukku-Raile and made ‘awesome’ by Govinda byContinue reading “I'm not a movie buff”

2013

कवितायेँ लिखने मैं हाथ कुछ तंग है मेरा, कभी कभी तो लहजा भी थोडा सा  भंग है मेरा | हिंदी में पहली कोशिश है, फिर से शुरू करूँ, खुदी से कुछ बात, माफ़ करना, खा जाऊं, अगर मैं मात।   स्ह्याही के कलम की तरह, हिंदी कहीं छूट सी गयी थी, फॉर्मेलिटी की गलियों में, भटकती कहीं रूठContinue reading “2013”